आर्टेमिस-2 मिशन(Artemis-2 mission) के तहत चार अंतरिक्ष यात्री(Astronauts) अगले साल चंद्रमा की परिक्रमा करेंगे और पृथ्वी पर लौटेंगे। चालक दल में पहली बार एक महिला और अफ्रीकी-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री(Astronauts) भी शामिल होंगे।
अपोलो मिशन(Apollo Missions) के 50 साल से भी ज्यादा समय बाद कोई इंसान चांद पर जाएगा। इस 10 दिवसीय चंद्र मिशन(lunar Mission) के लिए क्रिस्टीना हैमॉक(Christina Hammock) कोच को विशेषज्ञ के रूप में चुना गया है। इससे पहले क्रिस्टीना सबसे लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने का रिकॉर्ड बना चुकी हैं। उनके अलावा अमेरिकी नेवी(American Navy) के विक्टर ग्लोवर(Victor Glover) को भी पायलट के तौर पर चुना गया है। वह चंद्र मिशन पर अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अश्वेत अंतरिक्ष(Black Astronaut) यात्री होंगे।
मिशन के लिए चुने गए 4 अंतरिक्ष यात्रियों में से 3 अमेरिकी हैं जबकि एक कनाडाई है। ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर(Johnson Space Center) से नामों की घोषणा की गई। चंद्र अभियान के दौरान अंतरिक्षयात्री चांद पर कदम नहीं रखेंगे। यह एक फ्लाईबाई मिशन(Flyby Mission) है जिसके तहत अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की परिक्रमा करेंगे और वापस लौटेंगे।
हालांकि, अगर यह मिशन सफल होता है तो 2025 में आर्टेमिस-3 मिशन(Artemis-3 mission) भेजा जाएगा, जिसमें अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा पर कदम रखेंगे। बता दें कि आर्टेमिस-2 मिशन(Artemis-2 mission) के दौरान करीब 22 लाख किलोमीटर का सफर तय करेगा। इसका उद्देश्य यह जांचना है कि ओरियन अंतरिक्ष यान के सभी लाइफ-सपोर्ट सिस्टम(life Support Systems) ठीक से डिज़ाइन किए गए हैं। ताकि 2025 में डीप स्पेस और मून लैंडिंग के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को परेशानी न हो। वापस लौटने से पहले यह चांद के अंधेरे हिस्से से करीब 10,300 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।