10 साल में आधा बैंकाक शहर डूब सकता है समुद्र में! जी हां, आज हम इसी मुद्दे पर बात करना चाहते हैं। कुछ समय पहले कहा गया था कि समुद्र के स्तर में वृद्धि के बहुत खतरनाक परिणाम हो सकते हैं। यहां तक ​​कि छोटी सूनामी तटीय क्षेत्रों के साथ-साथ अपतटीय क्षेत्रों को भी जलमग्न कर सकती है। फिर भी एक अन्य अध्ययन ने चेतावनी दी है कि बैंकॉक शहर केवल एक दशक में आंशिक रूप से जलमग्न हो सकता है। वहीं, दूसरे देशों पर भी खतरा मंडरा रहा है

जलवायु परिवर्तन पर वार्ता की मेज़बानी करने के लिए तैयार, बैंकाक खुद पर्यावरण संकट से बचने की कोशिश कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र का आगामी जलवायु सम्मेलन थाईलैंड की राजधानी में होने जा रहा है। विश्व बैंक के अनुसार, भारी बारिश और बदलते मौसमी पैटर्न, 2015 के पेरिस जलवायु समझौते को लागू करने के लिए अन्य देशों की सरकारों पर बढ़ते दबाव के कारण 2030 तक बैंकॉक का लगभग 40 प्रतिशत जलमग्न हो जाएगा।

एक समय था जब दलदल जैसी ढीली मिट्टी पर बना बैंकॉक शहर समुद्र तल से डेढ़ मीटर की ऊंचाई यानी पांच फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ था और अब जब जलस्तर बढ़ रहा है तो सबसे बड़ा खतरा इस शहर पर है।

वर्तमान में, शहर हर साल 2 सेंटीमीटर डूब रहा है और निकट भविष्य में भयंकर सुनामी और बाढ़ का खतरा है। इसके बगल में थाईलैंड की खाड़ी स्थित है। जिसमें समुद्र का पानी प्रति वर्ष 4 मिलीमीटर बढ़ रहा है। हालांकि, ऐसा नहीं है कि केवल बैंकॉक शहर ही डूब जाएगा, बल्कि दुनिया के अन्य देशों पर भी यही खतरा मंडरा रहा है।

इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता और फिलीपींस की राजधानी मनीला सहित कई दक्षिण एशियाई शहरों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। तो भविष्य में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई को भी फिर से समुद्र के पानी का सामना करना पड़ेगा तो इन सब समस्याओं की जड़ प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग है। यदि हम अपने कर्तव्य को समझें और कम प्रदूषण फैलाने का प्रयास करें तो इस खतरे को कुछ हद तक दूर कर सकते हैं।

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