अडानी को लेकर संसद में हंगामा होता है तो बाजार में हंगामा होता है। ऐसा दो दिन से हो रहा है। बाजार खुलते ही अदानी ग्रुप(Adani Group)के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है और आज भी ऐसा ही हुआ। अडानी के शेयरों में फिर से उछाल आया। अडानी के शेयरों(Adani Shares)में 35 फीसदी की गिरावट आई।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट(Hindenburg Report)ने अदानी ग्रुप को संकट में डाल दिया है। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज डाउजोंस(US Stock Exchange Dow Jones)ने अडानी एंटरप्राइजेज(Adani Enterprises)को अपने सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (Sustainability Index) से हटा दिया है और इसका असर दुनिया भर में महसूस किया जा रहा है। अडानी को दुनिया की शीर्ष 15 सूची से हटा दिया गया है।
इस बीच नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(National Stock Exchange)ने भी अडानी ग्रुप के तीन शेयरों पर निगरानी बढ़ा दी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अतिरिक्त निगरानी मेजर(Additional Surveillance Majors)यानी ASM में 3 शेयरों को सूचीबद्ध किया है। इनमें अदाणी इंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट (Adani Port), अंबुजा सीमें(Ambuja Cement) प्रमुख हैं। अडानी के साथ भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India)भी शेयर बाजार में उथल-पुथल पर नजर बनाए हुए है.
रिजर्व बैंक ने बैंकों से अडानी को दिए गए कर्ज का ब्योरा मांगा है। इस पूरे मामले पर जांच एजेंसी काम कर रही है। उधर, विपक्ष ने संसद में जमकर हंगामा किया और इसकी कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है. विपक्ष मांग कर रहा है कि एक संयुक्त संसदीय समिति बनाई जाए और जांच की जाए।
अब सवाल सिर्फ एक बिजनेसमैन या बिजनेस ग्रुप का नहीं है। भारतीय स्टेट बैंक और एलआईसी को लेकर भी चर्चा छिड़ी है। विपक्ष का आरोप है कि जनता का पैसा स्टेट बैंक और एलआईसी में है। उन्हें अदानी ग्रुप में रोक दिया गया है। संसद में हंगामे के बाद अब विपक्षी दल सड़कों पर उतरेंगे. 13 विपक्षी दल 6 फरवरी को एलआईसी और एसबीआई कार्यालयों के सामने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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